~ Aruna Devi, Agrasar
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” – एक ऐसा नारा है जो लाखों लोगों को उनकी बेटियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित कर
रहा है। यह नारा हमारी सरकार के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना और 2015 में भारत सरकार ने “बेटी
बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना को लागू किया।
इस योजना का उद्देश्य बेटियों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करना है, जिसमें आप 10 साल से कम आयु
की बेटियों के लिए खाता खुलवा सकते हैं और उस खाते में बेटियों की पढ़ाई और शादी के लिए बचत कर सकते
हैं। 15 साल तक, आपको इस खाते में सालाना, कम से कम 250 रुपए और अधिक से अधिक 1,50,000 रुपए
तक की राशि जमा करनी होगी। इस खाते का मैच्यूरिटी पीरियड 21 साल है। जब खाता मैच्यूर होगा, तो
जमा की हुई राशि ब्याज सहित मिल जाएगी ।
बहुत से लोग इस योजना से जुड़े हैं, लेकिन कई लोग इस योजना के प्रति सतर्क नहीं हैं।
2022 में सरहौल, सेक्टर 18, में प्रवासी सहायता केंद्र स्थापित हुआ। केंद्र के माध्यम से हमने समुदाय में
‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के प्रति जागरूकता जानने के लिए लोगों के बीच अपनी पहुंच बनाई। हमने लोगों के
साथ जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया और उस दौरान पता चला कि कुछ लोगों की आर्थिक स्तिथि
अच्छी न होने के कारण उनकी बेटियां शिक्षा से वंचित रह गईं। “जो उम्र पढ़ने की और सपने साकार करने की
थी, उस उम्र में उनकी शादी कर दी गई”, यह एक परिवार की कहानी नहीं थी, बल्कि ऐसे कई परिवार थे।
हमने उन बेटियों के अभिभावक से बात की, तो कुछ ऐसा प्रतीत हुआ कि अगर उन्हें योजना के प्रति
जागरूकता होती, तो शायद वे थोड़ी बचत करके, अपनी बेटियों को शिक्षा से वंचित न करते। अगर आज इस
योजना की जानकारी होती तो उनकी बेटियां, पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो पातीं।
चूंकि समुदाय के लोगों को ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी, इसलिए हमने योजना
के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए गुड़गांव की आवाज़ – 107.8 एफएम के सहयोग से एक रेडियो सत्र
आयोजित करने का निर्णय लिया। सत्र के दौरान कई जिज्ञासु कॉलर्स ने फोन किया और योजना के संबंध में
अपने प्रश्न पूछे। यह रेडियो सत्र हमारे लिए ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक अपनी आवाज़ पहुंचाने का एक ज़रिया बना। इसके साथ हमने समुदाय एवं अपने अग्रसर केंन्द्र पर कई कार्यशालाएं आयोजित की जिसमें हमने
प्रवासी समुदाय के कई लोंगों को ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ से परिचित कराया। हमने लोगों को जरूरी
जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें आवश्यक और सही दस्तावेज़ बनबाकर कर, इस योजना से जुड़ने में सहयोग
किया ।
हमारे साथ जुड़े “अग्रसर साथियों ” ने लोगों को इस योजना से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है I उन्होंने
समुदाय को योजना के बारे में सही जानकारी प्रदान करने में हमारी सहायता की और हमारे द्वारा आयोजित
कार्यशालाओं में भी भाग लिया। हमारी आगे की कोशिश ज़्यादा से ज़्यादा साथियों से जुड़ने की रहेगी क्योंकि,
जितने ज़्यादा साथी, समुदाय में उतनी अधिक जानकारी I
“आर्थिक स्थिति और जागरूकता न होने के कारण हम पढ़ाई से वंचित रह गए, लेकिन हम नहीं चाहतें कि
हमारी बेटियों के साथ भी यह हो, हम नहीं चाहते कि हमारी बेटियां मज़दूरी करके पैसे कमाएं“- यह समुदाय
की बहुत सी महिलाओं का कहना था। समुदाय में बातचीत करने के बाद हमे यह भी पता चला कि सुकन्या समृद्धि योजना की जानकारी पुरुषों से
ज़्यादा महिलाओं को हैं । इसलिए उनका मानना है कि जो काम वह कर रही है उनके बच्चो को न करना पड़े।
महिलाओं की इस सोच से हम काफी प्रभावित हुए और सुकन्या खाता खोलने में उनकी सहायता की ।
अग्रसर टीम एवं अग्रसर साथियों के सहयोग से अब तक हम प्रवासी समुदाय की 570 बेटियों को सुकन्या
समृद्धि योजना से सफलतापूर्वक जोड़ चुके है|
कुछ मुद्दों के कारण बहुत सी लड़कियाँ शिक्षा से वंचित रह जाती हैं, और उन्हें अपने करियर में उत्कृष्टता
हासिल करने का मौका नहीं मिलता है। सभी लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का पूरा अधिकार
है। इसलिए सुकन्या समृद्धि योजना करवाएं और अपनी बेटी को उसके हक़ की शिक्षा दिलवाएं।
सुकन्या समृद्धि योजना और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिये दिए गए
नंबर पर संपर्क करें।
9540310202