~ Mallika Thakur, Agrasar
“गलत या आधी जानकारी, पड़ सकती है हम पर भारी“
प्रतिदिन कई प्रवासी लोगों से बातचीत करके हमने जाना कि हमारे प्रवासी समुदाय की सबसे बड़ी समस्या
है “सही जानकारी की कमी” । इस कमी के कारण समुदाय के लोगों को बहुत सी मुश्किलों का सामना
करना पड़ता है, जैसे – गाँव से पलायन करते वक्त सही दस्तावेज साथ न लाना, सही दस्तावेज समय पर न
बनवाना , सरकारी योजनाओं का सही से लाभ न उठा पाना, आदि। आइए पिंटू की कहानी पर एक नज़र डालें
और जानें कि जानकारी की कमी ने उस पर कैसे प्रभाव डाला।
पिंटू सिंह एक प्रवासी मज़दूर है | उसके पास उसका राशन कार्ड नहीं बना हुआ था। वह अपना राशन कार्ड
बनवाना चाहता था, किन्तु उसको कोई जानकारी नहीं थी कि वह अपना राशन कार्ड कैसे और कहाँ से
बनवाए। इसके लिए वह कई बार राशन ऑफिस एवं आस-पास के CSC सेंटर पर भी जा चुका था, किन्तु
उसे सही और सटीक जानकारी नहीं मिल पाई। एक दिन फील्ड पर अग्रसर टीम के ज़रिए उसे पता चला कि
हरियाणा राशन कार्ड के लिए हरियाणा राज्य का परिवार पहचान पत्र बनाना अनिवार्य है, और बताया कि
कैसे परिवार पहचान पत्र के उपयोग से कुछ महीनों बाद उनका राशन कार्ड बनकर आ सकता है। साथ ही
परिवार पहचान पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज़ के बारे में बताया। अगले ही दिन वह जरूरी दस्तावेज़ के
साथ अग्रसर संस्था आये और अपना परिवार पहचान पत्र बनवाया। कुछ महीने बाद ही जब हमने पिंटू सिंह
का राशन कार्ड का स्टेटस चेक किया तो उनका राशन कार्ड बनकर आ गया था। हमने उन्हें उनका राशन कार्ड
डाउनलोड करके दिया। “पिंटू ने हमसे बहुत खुशी खुशी कहा, “धन्यवाद, आप लोगों ने मेरी बहुत बड़ी मदद की है। अब जो पैसे
बाज़ार से राशन लाने में खर्च होता था मैं अब उन पैसो की बचत करूँगा”।
सरकार ने लोगों के हित में बहुत सी रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि योजनाओं का संचालन किया है, लेकिन समुदाय के
लोगों के पास इनकी पूरी और सही जानकारी न होने के कारण वे लोग इन योजनाओं से जुड़ नहीं पा रहे हैं। जिस तरह
पिंटू ने प्रयास किया और समय से अपना राशन कार्ड प्राप्त कर लिया, उसी तरह, हम सभी को यह समझने की कोशिश
करनी चाहिए कि अपने हकों को पहचानने और उनका उपयोग करने के लिए हमें सरकारी योजनाओं और आवश्यक
दस्तावेजों के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए हम सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों और स्थानीय
अधिकारियों से मदद ले सकते हैं और अपने सवालों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ-साथ, हमारी अग्रसर प्रवासी
सेंटर की टीम समुदाय के लोगों को सिर्फ जानकारी ही नहीं बल्कि उनको सरकारी स्कीमों के साथ जुड़ने में पूरी सहायता करती है। हम समुदाय में जाकर लोगों से बात-चीत करते हैं, साथ ही अलग-अलग योजनाओं पर आधारित कार्यशालाएं
लेते हैं, और पूरी कोशिश करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकारी योजनाओं से परिचित हों और उनकी सही एवं सटीक
जानकारी प्राप्त कर उनसे जुड़ सके।
मैंने देखा है कि समुदाय के बहुत से लोग अपने पहचान दस्तावेज प्राइवेट स्थानों से बनवाना पसंद करते हैं,
जिससे मुझे आश्चर्य होता है कि “वे इसे सरकारी कार्यालयों से क्यों नहीं बनवाते”। लोगों को इस बात की
जानकारी नहीं है कि वे सरकारी जगहों से कम दाम में आसानी से अपना काम करा सकते हैं। ज़्यादातर
प्राइवेट जगहों पर ऊंची फीस वसूली जाती है। लोगों को यह ग़लतफ़हमी है कि, प्राइवेट जगहों पर किया गया
काम बेहतर होता है। “मैंने खुद देखा है कि प्राइवेट जगहों पर किया गया काम आमतौर पर अधूरा छोड़ दिया
जाता है और वे फीस भी बहुत ज्यादा वसूलते हैं”। इसलिए सलाह है कि अपना काम सरकारी जगहों से ही
कराएं।
आइये जानते हैं ललिता देवी की कहानी और कैसे उचित जानकारी उनके लिए लाभदायक रही। ललिता देवी,
एक गाँव की सामान्य औरत थी, जिनका एकमात्र बेटा श्लोक बीमार हो गया था। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी
मजबूत नहीं थी कि वह अपने बच्चे को उचित इलाज की सुविधा प्रदान कर सके। एक दिन, उन्हें समुदाय से
किसी से सलाह मिली कि वह ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ उठाएं लेकिन उन्हें इस योजना के बारे में
कोई जानकारी नहीं थी। ललिता देवी ने योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए समुदाय के बीच स्थित अग्रसर केंद्र आयी और श्लोक के आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज के बारे में जानकारी ली। हमने उन्हें आयुष्मान
भारत योजना के बारे में पूरी सटीक जानकारी दी और क्योंकि वह इस योजना के पात्र पायी गयी तो उसी
समय हमने उनका और उनके बेटे का आवेदन भी कर दिया। ललिता देवी ने कहा कि “यह योजना हमारे लिए एक आर्थिक सहारा साबित हुई है”
ललिता देवी ने सही जानकारी प्राप्त कर एक जागरूक नागरिक होने का फ़र्ज़ निभाया। इन्ही की तरह हम सभी को एक जाकरूक नागरिक बनना है, “क्योंकि अगर रह गया हम में जानकारी का आभाव तो कैसे उठा पाएंगे हम सरकारी योजनाओ का लाभ”|